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चमन वो भी महकते हैँ जिनके बागबाँ नहीँ होते (POEM)

CHINTAN JAROORI HAI
CHINTAN JAROORI HAI
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चन्द कलियोँ के मसले जाने से खौफजदा नहीँ होते

चमन वो भी महकते हैँ जिनके बागबाँ नहीँ होते

गर अँधेरा है घना समझो भोर का संदेश है

ये अँधेरे भी ज्यादा देर के मेहमाँ नहीँ होते

सब कुछ मिट जाने पर भी भविष्य रहता है बाकि

नाउम्मीदीयोँ से इस कदर परेशाँ नहीँ होते

जिन्दगी के सफर मेँ हँसते हँसाते चलो

भीड मेँ इस कदर भी बेजुबाँ नहीँ होते

ऐसा नहीँ कि अपने साथ ही होता है सब कुछ

हादसे तो हादसे हैँ कहाँ कहाँ नहीँ होते

ये जरूरी तो नहीँ जिन्दगी मेँ सब मनचाहा ही मिले

कुछ परिन्दे वो भी हैँ जिनके आशियाँ नहीँ होते

दीपक पाण्डे J N V नैनीताल

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