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थैली लिए वो घूम रहा है
जाने क्या वो ढूंढ रहा है
फटे वस्त्र हैं
फिर भी मस्त है
बचपन इनका कौन
लूट रहा है
सड़क पे ऐसा
दृश्य वो देखा
जीवन का बुरा हस्र वो देखा
बचपन इनका सिसक रहा है
पग पग पर ये खिसक रहा है
थैली लिए क्या ढूंढ रहा है
दर दर पर क्यूँ घूम रहा है
आँखों में न चमक न आस है
फिर भी इनमे कुछ तो ख़ास है
फटे वस्त्र है फिर भी मस्त है
इनके आगे शीश महल भी ध्वस्त है
रोज़ का इनका एक ठिकाना
कूड़े में से भोजन खाना
कोई तो खाए दूध मलाई
इनको मिलती रोज़ पिटाई
जीवन का संघर्ष तो देखो
आसमान से अर्श को देखो
तोप मिसाइल हमने बनाई
फिर भी गरीबी मिट न पाई
जो बच्चे हैं भविष्य हमारा
उन सबको है जूठन का सहारा
कोई चाँद पर हो आता है
कोई भूखा सो जाता है
आँखों में है दर्द का साया
किसी के दिल में न कोई माया
भोला भोला जीवन इनका
बन कर रह गया बस तिनका
सपनो का संसार सजा दो
इनको इंद्र धनुष दिखला दो
खुले गगन में पतंग उड़ाए
बहती नदी में नाव चलायें
जुगनू से ये जलना सीखें
खुले गगन में उड़ना सीखें
अपने भूप ये खुद कहलायें
एक नया इतिहास बनाये
इनका तुम बचपन लौटा दे
बस इनको बच्चा ही बना दे
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